Friday 19 February 2016

एकांत की बंदिश

पार्क का बेंच, कभी एकांत मल्होत्रा के लिए दुनिया की सबसे खूबसूरत जगह थी
बंदिश .. कितना अलग सा ये नाम .. खुद भी तो अलग ही थी वोह..
बंदिश से पहली बार यही मिला था, और हाँ.. आखिरी बार भी ..
“नहीं, अब कुछ नहीं हो सकता” दोनों ने कोशिश करने से पहले ही शायद हार मान ली थी ..
काफी देर बैठे रहे, एक दूसरे की उंगलियो की तरह उलझी हुई अपनी तकदीरों को समझते हुए ..
फिर चल दिए अपनी अपनी राहों पर ..
एकांत आज भी यहाँ आता है, कुछ जवाब ढूंढने, शायद कोई हवा का झोंका बंदिश को वापिस ले आये

http://aajsirhaane.com/2016/02/14/week-9-shades-of-love/

क्षितिज तारा

"वो देखो, क्षितिज तारा" आकाश ने आसमान तरफ इशारा करते हुए कहा। 
"हाँ। तो क्या" धरा ने पूछा।
"अरे, साल में एक बार दिखता है, और इससे जो मांगो, मिल जाता है "
"सच ??" 
जवाब में आकाश को मुस्कराता देख धरा ने अपनी आँखें बंद कर ली ।

"क्या माँगा तुमने ??" 
"तुम क्यों जानना चाहते हो?"
"क्योंकि मुझे तुम्हारे बारे में सब जानना है"
"यह सब तुमने बनाया है ?"
"नहीं, बिलकुल नहीं, बताओ ना "
"मैं चाहता हूँ कि इस रात कभी खत्म न हो "
"नहीं होगी" आकाश ने धरा को गले लगा लिया

http://oneframestories.com/ofs.php?id=71

Tuesday 9 February 2016

ट्रान्सफर

“सर, ४ करोड़ के ड्रग्स और १० आदमी, २ मारे गये, एक भी फरार नहीं .. “
“सर, हमारे 4 लोग शहीद हुए है और दो घायल है सर”
“जी सर, उन
का सरगना मुश्ताक़ खान भी है सर”
“जी सर, मिनिस्टर एजाज़ खान का भतीजा “
“लेकिन…”
“मगर…”
चुप्पी ..
“सर, आई ऍम सॉरी .. यह मेरे लिए मुमकिन नहीं, मैं उसे नहीं छोड़ सकता.. मुझे ट्रान्सफर मंज़ूर है सर “
अजित ने रिसीवर रख दिया ..
पर्ह्लादपुर? कहाँ है यह गॉव ?? अजित सोच रहा था
रेडियो पर गाना बज रहा था “सारे जहाँ से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा”
http://aajsirhaane.com/2016/01/26/week-8-yeh_gulsitaan-hamaara/

एक सड़क

“कुरान ऐ पाक की चोरी, यह तौहीन हम कभी नहीं सहेंगे” मौलाना साहब ने आखिरी फैसला सुना दिया ..

“हिम्मत कैसे हुई, श्रीमद्भागवत गीता को हाथ लगाने की” पंडित जी की गर्जना दूर तक सुनाई दी ..

मंदिर और मस्जिद के बीच गुजरती एक सड़क ही थी मगर फासला शायद मीलों का था ..

“ये हम ने चुराई थी .. स्कूल में ड्रामा के लिए प्रोप चाहिए था ..”

“ये देखिये .. हमारे नाटक “कौमी एकता” को पहला इनाम मिला है”

 कहीं दूर से आवाज आ रही थी  “सारे जहाँ से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा
http://aajsirhaane.com/2016/01/26/week-8-yeh_gulsitaan-hamaara/

Friday 15 January 2016

आपकी बेटी

“देश की लिए मर मिटूंगा” आप अपने शब्दों के सच्चे निकले ..
मुझे याद है आपकी वोह आखिरी बात, “सुमी, हमारा बेटा आर्मी ज्वाइन करेगा, और बेटी बहुत बड़ी बैडमिंटन प्लेयर बनेगी, रिटायरमेंट के बाद तुम्हे को वर्ल्ड टूर पे ले जाऊंगा”
आप तो अपनी बेटी को देखने भी नहीं आ सके ..
जानते हो स्नेहा बिलकुल आपकी तरह जिद्दी है, कहती है “माँ, अगर आप मेरे पापा भी हो सकते हो तो मैं आपका बेटा क्यों नहीं बन सकती?”
पता है आज आपकी बेटी बैडमिंटन चैंपियन स्नेहा, लेफ्टिनेंट स्नेहा भी बन गयी, मुबारक हो ..
http://aajsirhaane.com/2016/01/15/week-07-a-salute-to-army-women/

पंछी

पंछी, बचपन में कितना बुरा लगता था यह नाम और आज जब इस रिश्ते से आजाद हुई हूँ तो पंछी की तरह उड़ना चाहती हूँ
किस की गलती थी ??
कितना रोये होंगे माँ पापा ?? दो दिन तक बरसात नहीं रुकी थी।
दादा , कैसे नज़र मिला पाये होंगे वो मेरे पापा और अपने सबसे करीबी दोस्त से, 
क्या कहा होगा ?? 
पापा या सुनील ??
तुम्हारी बेटी, मेरी बीवी या मेरी कातिल ??

आज अधूरे सपनो को कागज पर लिख कर बेचा तो लगा जेल के वह १० बरस मुझे आज़ाद कर गए

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