“देश की लिए मर मिटूंगा” आप अपने शब्दों के सच्चे निकले ..
मुझे याद है आपकी वोह आखिरी बात, “सुमी, हमारा बेटा आर्मी ज्वाइन करेगा, और बेटी बहुत बड़ी बैडमिंटन प्लेयर बनेगी, रिटायरमेंट के बाद तुम्हे को वर्ल्ड टूर पे ले जाऊंगा”
आप तो अपनी बेटी को देखने भी नहीं आ सके ..
जानते हो स्नेहा बिलकुल आपकी तरह जिद्दी है, कहती है “माँ, अगर आप मेरे पापा भी हो सकते हो तो मैं आपका बेटा क्यों नहीं बन सकती?”
पता है आज आपकी बेटी बैडमिंटन चैंपियन स्नेहा, लेफ्टिनेंट स्नेहा भी बन गयी, मुबारक हो ..
http://aajsirhaane.com/2016/01/15/week-07-a-salute-to-army-women/
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